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Article: इन 8 सवालों में पाएं सावन के सभी जवाब!

इन 8 सवालों में पाएं सावन के सभी जवाब!

इन 8 सवालों में पाएं सावन के सभी जवाब!

सावन, जिसे श्रावण के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू चंद्र कैलेंडर में भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित एक पवित्र महीना है। इस महीने के दौरान, भक्त आध्यात्मिक शुद्धि और दिव्य आशीर्वाद पाने के लिए अनुष्ठान, उपवास और प्रार्थना में लीन होते हैं। वे शिव मंदिरों में जाते हैं, पवित्र जल चढ़ाते हैं और उपवास रखते हैं, खासकर सोमवार को। माना जाता है कि सावन एक ऐसा समय है जब भक्त अपने पापों के लिए क्षमा मांग सकते हैं और आध्यात्मिक विकास और ज्ञान के लिए भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

चलिए जानते है इन 8 प्रश्नो से सावन के सभी सवालों के जवाब!

 1. 2023 में सावन का पहला सोमवार कब है?

सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है। इस बार सावन में आठ सोमवार होंगे। सावन के इस विशेष अवसर पर आप रुद्राभिषेक कर सकते हैं और यह आपको बहुत लाभ भी होगा। 4 जुलाई 2023 से शिवजी की आराधना का महापर्व शुरू हो रहा है 4 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू होकर 31 अगस्त तक चलेगा। इस वर्ष सावन 58 दिनों का होगा यानी शिवजी की पूजा-पाठ और भक्ति के लिए सावन का महीना दो माह का होगा।सावन के सभी सोमवार को रुद्राक्ष धारण करने का भी अति उत्तम योग होता है, आप सावन सोमवार की सुबह स्नान एवं पूजन के बाद बताई गई विधि से रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।

2. 16 सोमवार व्रत कब से शुरू करें 2023?

हिन्दू धर्म में सावन एक विशेष महीना होता है जिसमें लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत रखते हैं। इस साल सावन एक की बजाय दो महीने तक रहेगा क्योंकि अधिक मास हैं। यह 4 जुलाई को शुरू होगा और 31 अगस्त को समाप्त होगा। हिंदू धर्म में हर महीना अलग-अलग भगवान को समर्पित है और सावन में लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं। इस दौरान पूजा और व्रत करने से भगवान शिव भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। 2023 में सावन और भी लंबा होगा, जिससे भक्तों को भगवान शिव की पूजा करने के लिए 58 दिन मिलेंगे। सावन को साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है और इसमें भगवान शिव की मूर्ति पर जल या दूध चढ़ाने जैसे पूजा कार्य किए जाते हैं।सावन के दौरन या खास तौर पर व्रत के दिन रुद्राक्ष माला के साथ मंत्र जाप करने से महादेव की विशेष कृपा आप पर बनती है।

3. 2023 में सोमवती अमावस्या कब है?

सोमवती अमावस्या मनाने के लिए हमें सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए। यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैंहम अपने घर के मंदिर में दीपक जलाकर भगवान का ध्यान कर सकते हैं। इस दिन व्रत रखने का भी महत्व है। हम भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं, उन्हें भोग लगा सकते हैं और माता पार्वती के लिए विशेष प्रार्थना कर सकते हैंपूरे दिन हम "ओम नमः शिवाय" मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन ऐसा माना जाता है कि अगर हम कुछ खास काम करते हैं तो हमारे साथ अच्छी चीजें होती हैंहम अपने पूर्वजों को तर्पण कर सकते हैं और उनका आशीर्वाद मांग सकते हैं, जिससे हमें खुशी और सौभाग्य मिलेगा। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का भी महत्व माना जाता है। हम अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए भगवान शिव और देवी लक्ष्मी की भी पूजा कर सकते हैं। हिंदू कैलेंडर में अमावस्या नामक एक विशेष दिन होता है जो हर महीने आता है। लेकिन एक अमावस्या ऐसी भी है जो सोमवार के दिन पड़ने से और भी विशेष हो जाती है और इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस वर्ष, हमारे पास तीन सोमवती अमावस्या होंगी। अगला सोमवार, 17 जुलाई, 2023 को होगा। यह 16 जुलाई की शाम को शुरू होगा और 18 जुलाई की सुबह जल्दी समाप्त होगा।

4. सोमवार व्रत कब से शुरू करना चाहिए 2023?

सावन का महीना हिंदू धर्म के लाेगों के लिए बहुत खास समय होता है। शिवभक्‍तों के लिये यह बहुत खास समय होता है। इस समय भगवान शिव की विशेष पूजा आराधना की जाती है। लेकिन सावन के महीने में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करना और भी खास होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर आप सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा करते हैं, तो वे प्रसन्न होंगे और असंभव लगने वाली चीजों में आपकी मदद करेंगे। सावन का पहला सोमवार है 10 जुलाई को, अगर आप चाहते हैं कि आपके साथ शुभ काम हो और भगवान शिव की कृपा आप पर बनी रहे तो आप उनका व्रत और पूजन करे और रुद्राक्ष धारण करें। अगर आप सावन सोमवार का व्रत रख रहे हैं तो कुछ विशेष वस्तुओं से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं। इनमें फूल, फल, रूद्राक्ष, रत्न, सोना, चांदी, पवित्र जल, विभिन्न रस, इत्र, विशेष बर्तन, घास से बना एक विशेष आसन, दही, घी, शहद, एक विशेष प्रकार के फूल, गाय का दूध, कपूर, धूप शामिल हैं।

5. सोमवार व्रत की विधि क्या है?

सावन सोमवार व्रत पूजा विधि यानि कि सावन के महीने में सोमवार के दिन जो भगवान शिव में आस्था रखते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करना चाहते हैं, विशेष पूजा विधि का पालन करे। स्नान करके और साफ कपड़े पहनकर शुरुआत करे, फिर भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर में जाए। वहां भगवान शिव को चावल, सफेद फूल, चंदन और दूध जैसी विभिन्न चीजें चढ़ाये। भगवान शिव की मूर्ति पर पंचामृत नामक एक विशेष मिश्रण डालते समय एक विशेष मंत्र का जाप भी करे ।भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश के माथे पर चंदन का लेप भी लगाय। देवताओं को फल, मेवे और मिठाइयाँ चढ़ाये और विशेष भोजन को सभी के साथ साझा करे।अधिक फल पाने के लिए रुद्राक्ष या रुद्राक्ष माला के साथ "ओम नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें। पूजा का यह तरीका महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं और सोमवार को उनकी पूजा करने वालों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यह भी माना जाता है कि जो लड़कियां शादी करना चाहती हैं वे मनचाहा वर पाने के लिए सावन के सोमवार का व्रत रख सकती हैं और देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर सकती हैं।

6. सावन 2023 में क्या करें?

सावन के महीने में सोमवार का व्रत करना अच्छा माना जाता है। सुबह भगवान शिव की प्रतिमा पर जल और विशेष पत्ते जिन्हें बेलपत्र कहा जाता है चढ़ाएं। इसके अलावा दूध भी अर्पित करें लेकिन तांबे के पात्र में नहीं। अंत में, हर सुबह भगवान शिव को समर्पित एक विशेष प्रार्थना या मंत्र कहें।

7. सावन की पूजा विधि मैं क्या करे?

  1. सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
  2. घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
  3. सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।
  4. 5 मुखी रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करें और उसकी भी पूजा करें.
  5. शिवलिंग में गंगा जल और पंचामृत चढ़ाये।
  6. भगवन शिव के श्रृंगार सामग्री से उनका श्रृंगार करे।
  7. भगवान शिव को पुष्प अर्पित करें।
  8. भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करें।
  9. भगवान शिव की आरती करें और भोग भी लगाएं।

8. सावन में क्या करे और क्या न करे?

ये करे

  1. सावन मास के प्रारंभ होते ही सबसे पहले अपनी दिनचर्या को संतुलित करें।
  2. सावन माह के दौरान किसी भी तरह की बुरे विचार या काम से बचें।
  3. प्रतिदिन भगवान शिव के नाम जप से ही दिन की शुरुआत करें और स्वयं के साथ रहें।
  4. रुद्राक्ष धारण करने के सैंकड़ों लाभ है, इस सावन अपनी राशि के अनुसार रुद्राक्ष धारण ज़रूर करें।
  5. सावन के सोमवार को शिव जी का व्रत अवश्य रखें, इससे आपको शारीरिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं।

ये न करे

  1. अनुचित आहार और नशे से बचें- सावन में मांसाहारी भोजन, शराब, धूम्रपान और सेहत के लिए हानिकारक आहारों से बचना चाहिए। यह एक पवित्र माह माना जाता है और भगवान शिव की भक्ति करते समय सत्त्विक आहार पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  2. कामुक कार्यों से बचें- सावन माह में आपको कामुक (अनुचित) कार्यों से बचना चाहिए। इस माह में सत्य, पवित्रता और आध्यात्मिकता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  3. केश व नाखून काटना- इस माह में आपको अपने केश (बाल) और नाखून को कटवाने से बचना चाहिए। शरीर का हर हिस्सा जीवित माना जाता है इसलिए केश काटना, नाखून काटना सावन में अनुचित माना जाता है।
  4. नगर भ्रमण- सावन माह में अपने या अन्य नगर का अनावश्यक भ्रमण करने से बचना चाहिए। यह आपकी दिनचर्या को विचलित करता है जिससे आप शिव के ध्यान से भ्रमित होते हैं। यह नियम अपनी इंद्रियों के संतुलन के लिए बेहद आवश्यक माना गया है। 
  5. वर्जित वस्तुएं- शास्त्रों में बताया गया है कि शिवपूजन में इन वस्तुओं का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए लाल रंग के फूल, केतकी और केवड़े का फूल, कुमकुम, हल्दी, तुलसी और शंख।

उम्‍मीद है आप सभी को सावन के सारे प्रश्नो के उत्तर मिल गए होंगे। इस साल का सावन बहुत ही विशेष है क्योकि इस बार सावन एक नहीं बल्कि दो महीने का है। 19 साल बाद बन रहे इस महासंयोग को अपने लिये और भी खास बनायें। महादेव शंकर की विशेष पूजा अर्चना से आप इस सावन में अपनी हर मनोकामना काे पूरा कर सकते हैं। 

भक्तों के लिए शिवजी की आराधना करने का यह बहुत ही अच्छा मौका है, तो इसे वियर्थ न जाने दे।  सावन माह न केवल धार्मिक बल्कि आध्‍यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी बहुत महत्‍वपूर्ण और पावन महीना होता है। इस समय में प्रकृति में नये-नये सकारात्‍मक बदलाव होते हैं जो कि मन काे बहुत भाते हैं। तो इस सावन महादेव की भक्ति से अपने मन को और भी प्रसन्‍नचित्‍त बनायें और अपने भीतर भी सकारात्‍मक बदलाव महसूस करें। 

 

 

 

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